सलाहुद्दीन अय्यूबी
"मुसलमानों की एक नस्ल ऐसी आयेगी जिनके पास नारा रह जाएगा "#इस्लाम_ज़िंदाबाद" वो नस्ल अपनी तारीख से आगाह ना होंगी, उस नस्ल को ये बताने वाला कोई न होगा कि, इस्लाम के पासबान और अलम्बरदार वो थे जो वतन से दूर रेगिस्तानों में, पहाड़ो में, वादियों में, अज़नबी मुल्कों में जाकर लड़े, वो दरिया और समन्द्र फलाँग गए उन्हें कड़कती बिजलियाँ, आँधियाँ और ओलो के तूफान भी न रोक सके, वो उन मुल्कों में लड़े जहाँ के पत्थर भी उनके दुश्मन थे, वो भूखें लड़े, प्यासे लड़े, हथियारों और घोड़ो के बगैर भी लड़े वो ज़ख़्मी हुए तो किसी ने उनके ज़ख्मों पर मरहम न रखा वो शहीद हुए तो उनके ऱफीको को उनके लिए कब्र खोदने की भी मोहलत न मिली, वो खून बहाते गए, अपना भी और दुश्मन का भी।"
~#सुल्तान_सलाहुद्दीन_अय्यूबी
नोट फ़ोटो एक काल्पनिक है इसे सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी का कोई तलूक नहीं है
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