सैय्यदना इमाम हुसैन के फ़ज़ाइल और मनाक़िब।
सैयदना हुसैन रज़ि. के फ़ज़ाइल व मनाक़िब
【सहीह अहादीस की रौशनी में】
*नबी ए करीम सल्ल. ने इरशाद फरमाया::*
और बेशक सैयदना हसन और हुसैन रज़ि. जन्नत के नौजवानो के सरदार हैं। (اسناد حسن)
📘 [जामेअ तिर्मिज़ी हदीस 3781]
हुसैन मुझसे है और और मैं हुसैन से हूँ, अल्लाह उससे मुहब्बत करे जो हुसैन से मुहब्बत करता है (اسناد حسن)
📘 [जामेअ तिर्मिज़ी हदीस 3775 ]
ऐ लोगो आगाह हो जाओ! मैं भी इंसान हूँ, और करीब है कि मेरे पास मेरे रब का क़ासिद(मौत का फ़रिश्ता) आये और मैं उसकी बात क़बूल कर लूं।
मैं अपने बाद तुममें दो अज़ीम चीजें छोड़ कर जा रहा हूँ
*1* . पहली चीज तो अल्लाह की किताब है, इसमें हिदायत और नूर है, तुम अल्लाह की किताब को पकड़ो और इससे ताल्लुक मज़बूत करो। अल्लाह की किताब अल्लाह की रस्सी है, जिसने इसकी इत्तेबाअ की वो हिदायत पर है और जिसने इसे छोड़ दिया वो गुमराह हो गया।
*2*. और दूसरी चीज मेरे अहले बैत हैं।
मैं अपने अहले बैत के मुत्तालिक तुम्हें अल्लाह से डराता हूँ, मैं अपने अहले बैत के मुत्तालिक तुम्हें अल्लाह से डराता हूँ।
(यानी उनके साथ अच्छा सुलूक करना!)
📘 _[सहीह मुस्लिम हदीस 6225-6228]_
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