मेरे सहाबा को बुरा मत कहो।
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया: की मेरे सहाबा रज़ि अल्लाह अन्हु को बुरा ना कहो मेरे सहाबा को बुरा ना कहो और कसम है उस ज़ात की जिस के क़ब्ज़े व क़ुदरत में मेरी जान है अगर तुम में से कोई आदमी उहुद के पहाड़ के बराबर सोना खै़रात करेगा तो वो सहाबा के एक मुद खै़रात को भी नहीं पहुंच सकेगा और ना ही सहाबा के आधे मुद का सदक़ा करने को पहुंच सकता है।
sahih muslim: jild 6, kitab 44 Fazail e sahaba RA, hadith no 6487*_
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